hema's kavya boond
Wednesday, January 22, 2014
इन्सान
आज इंसान ही इंसान को नीचा दिखाने की चाह में,
खुद ही गर्त में गिरा जाता है क्यों ,
सामने खाई है जानकार भी खुद ही गर्त में गिरा जाता है इस तरह क्यों ।
रश्क करता होगा जो खुद इंसान बनाकर ,अश्क बहाता होगा वो खुदा आज इंसान बनाकर ॥
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