Saturday, January 18, 2014

pulwari

हर हसीं लम्हात को पन्नों में समेत लेती हूँ, याद आती है तो यादों के झरोखों में झांक लेती हूँ, रूठ जाये मुस्कुराहट तो भी मुस्कुरा देती हूँ,आपकी हसीन यादों के सहारे जिंदगी बिता लेती हूँ

 

गुनगुनाती धूप में आ जाये कोई आप सा हमदम साथ में।,

एक चाय की प्याली हो और चटपटी नमकीन पास में ॥


 ज़िन्दगी की धूप छांव में कहीं तो कोई ऐसा  प्यारा साथी मिला ,

मेरे कहे अल्फाजों को हर पल जिसने  दिया है ऐसा सिला ,

हर वक़्त सोचती हूँ कि क्या अर्ज करूँ मैं उन्हें नज़राना।

जो छा जाये उनके दिलो-दिमाग पे  और चल पड़े ये सिलसिला


जिंदगी को नया आयाम देने वाले ऐ मेरे दोस्त ,

एक दिन तो मिल ही जायेंगे हम दोनों दोस्त


वो जो बैठ कर जोड़ियां बनाता  है दूसरे जहान में,

शायद हमें भी मिला दें एक बार इस जहान  

 

जो हुआ न हो कभी, आज ज़रा हो जाने दो , तेरे ही लफ्जों को मेरे लबों पे आ जाने दो।

वक्त का क्या है, थम ही जायेगा, हालात जरा बदल जाने दो,

आज ख़ामोशी ही सही,अपनी आगोश में ज़रा आ जाने दो, एक बार सीने से लगा कर प्यार का इजहार हो जाने दो ॥


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