Tuesday, January 21, 2014

अहसास

१. वक़्त के थपेड़े इतने सहे हैं हमने ,ऐतबार के मायने ही भुला दिए थे हमने । 

अब जो दामन हमारा थामा  है आपने,मझधार में न छोड़ोगे दिखा दो ये सपने । 


२. गम देते हैं वो फिर खुशियां देना चाहते हैं , आँखों के अश्कों को सहारा देना चाहते है । 

  जाने है कैसा उनका प्यार क्या बताना चाहते हैं ,हर पल वो जमाने के सामने रुसवा करना चाहते हैं ॥

३. लव अल्फाजों को बयां करते इससे पहले आंसुओं ने कह दिया ,

        दिल का हाल हम सुनाएं इससे पहले धड़कनों ने कह दिया । 

उनके अंदाज को समझे बिना ,चाहत अपनी बयां कर दिया । 

     क्या गुनाह हमारा  था, जो दिल हमारा यूँ तोड़ दिया ॥

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