है हुस्न तेरा महका-महका ,है इश्क मेरा गहराया हुआ ।
तेरी बाहों के साये में सनम ,क्यों दिल है मेरा घबराया हुआ ॥
तेरे दिल की मैं क्या जानूं ,आँखों से यूँ न इशारा करो ।
सांसें हैं मेरी लहराई हुई,आँखों में तुम्हें ही बसाया हुआ ॥
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एक हसीन ख्वाब हो तुम , चाँद की चांदनी हो तुम,
टिमटिमाते तारों से आभा तेरी ,फूल की महक हो तुम।
आकर तेरे आगोश में खुद चहक जाते है ,
तुम्हारे नरम अहसास से लगता है यूँ ,
खिड़कियों से छनकती नरम धूप हो तुम ॥
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हो एक आशियाँ ,खूबसूरत हो फूलों का नज़ारा ,जो मैं सजाऊँ तेरी तस्वीर ,आत्मा अपनी ,तो बसा लूँ
झूमरों की खनखनाहट से तेरी आवाज़ में मैं कहीं खो जाऊं ,चमन में खिले फूल तेरे चरणों में अर्पण कर दूँ ॥
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साथ जीते थे हम अरमानों के ,
ख्वाब दिल में रोज बसाते थे हम ।
रोज एक हो गया ये क्या सनम ,
टूटते तारों की तरह टूट गए हम ,
तुम तो चाहत थे किसी और के सनम ,
क्यों तेरी आगोश में आ गए हम ।।
Bahut KHub!!
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