उलटे क़दमों पर चलकर उनके क़दमों के निशाँ ढूंढना चाहती हूँ।
ख्वाहिश दिल में है उनके होंठों से अपना नाम सुनना चाहती हूँ ।।
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दूर तक देखा न आये तुम कहीं नज़र ,
हुई एक आहट पास नज़र आये ॥
________________________________________________________________करती हूँ तेरा इंतज़ार बड़ी बेकरारी से ,
यकीन न हो तो पूछ लो जरा बिस्तर की सलवटों से ॥
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