समझते हैं जो खुद को ही बस तुर्रम खां ,
या खुदा उनको भी कुछ अक्ल बख्स दे ,
सामने वाले भी कुछ हैसियत रखते हैं ,
जिन्हें देखते हों वो जिल्ल्त भरी निगाहों से
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कहते हुए भी शर्म आ रही है उनको अपना कहते,
दूसरों को नीचा दिखाने की चाह में खुद ही गर्त में चले जाते हैं ।
उनको तो अंदाजा भी नहीं है की जिनको ,
वो कुछ नहीं समझते हैं वो दुनिया खुद में मशहूर हुए जा रहे हैं ॥
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