लो फिर एक वर्ष जा रहा है खट्टी मीठी यादें देकर,
हज़ार ख्वाहिशें, हज़ार सपने अधूरे छोड़कर,
कुछ हो गए खफा हमसे, कुछ हमसे जुदा हो गए,
कुछ मिल गए भूले- बिसरे, कुछ हमें ही बिसरा चले,
कुछ नए रिश्ते बना गए जो अनजाने थे, कुछ जाने थे जो, हमसे जुदा हो चले,
कुछ दिलों में इस तरह बस गए, कुछ दिलों में खलिश छोड़ गए,
कुछ पल आँखों में इस कदर समां गए, कुछ नम आँखों को कर गए,
गलतियों को माफ़ कर हाथ दोस्ती का बढ़ा गए,
कुछ हाथ झटक परे हो चले,
चलो सब भूल जाते हैं, स्वागत नए वर्ष का करते हैं,
न गम आँखों में हो न दिलों में कोई शिकवे,
सभी को साथ लेकर नए वर्ष में कदम रखें,
चलो स्वागत नव वर्ष का कर लें,चलो स्वागत नववर्ष का कर लें ॥
No comments:
Post a Comment