Thursday, August 11, 2016

खुश हूँ मैं #choice

खुश हूँ मैं जितना मेरा पास है,
खुश हूँ मैं उनके साथ जो मेरे साथ हैं,
होती जो खुद की कहानी की लेखक,
तो हाँ इस जीवन को शायद फिर दोहरा कर लिख लेती, 
हाँ, इतना तो मैं  जरूर कर ही लेती , 
अपनी माँ को इस तरह बचपन में खोने न देती,
उसके प्यार से खुद को न वंचित करती,
पिता के साये को न उठने देती,
उनकी ऊँगली थाम चलने की तमन्ना पूरी कर लेती,
माँ के आँचल से दो बूँद अमृत के पी ही लेती,
फिर भी मैं खुश हूँ उसमें जो मेरे पास और साथ है ॥ 

PS. This is written specifically for INDISPIRE Edition 129 

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