जो न किया कभी वो आज ज़रा कर लेने दो,
तेरे अल्फाजों को मेरे लबों पे आ जाने दो।
वक्त जो थम ही जायेगा हालात जरा बदल जाने दो,
तुम आज अपनी आगोश में जरा मुझे आ जाने दो॥
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आँखों के बरसते नीर को आँसू न समझना,
दिल में छिपे दर्द को यूँ रुसवा न करना।
अब और क्या कहें तुमसे ऐ सनम ,
हम तड़पते हैं हर पल तेरी याद में बेवफा न समझना ॥
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तेरे होने के अहसास को हम कुछ ऐसे जिए हैं,
जिंदगी में आये हर गम को जाम संग पिए हैं।
तुम बाँहों में लो या न लो हम तो सीने से यूँ ही लगे जाते हैं ,
तेरी आँखों के सहारे हर ख्वाब अपना जिए जाते हैं ॥
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