Thursday, January 12, 2017

रिश्तों के मायने

                                     यही है आज के बदलते युग और स्मार्ट फ़ोन की सच्चाई 


जिंदगी बदल सी गयी है आज, रिश्तों के मायने भी बदल रहे हैं,


उँगलियों पर रिश्ते यहाँ कुछ इस तरह से निभाए जा रहे हैं,


अपनों से दूर परायों को अपना बनाते जा रहे हैं,


कुछ छिपा कर तो कुछ रिश्ते खुले आम निभाए जा रहे हैं,


कोई दगा अपनों को दे रहा परदे में रह कर,


बेपर्दगी की इन्तहां कुछ इस कदर बढ़ रही है,


छिपाना था जिससे उससे ही बेपर्दा हुए जा रहे हैं,


संग दिल अज़ीज़ के बैठ परायों की बातों पे मुस्कुरा रहे हैं,


यहाँ अपने ही पानों से हर रोज़ दूर होते जा रहे हैं,


जिनसे निभानी थी मोहब्बत, उनसे ही बेवफाई किये जा रहे हैं,


यहाँ हर किसी के रिश्तों के मायने आज बदल रहे हैं ॥ 


Sunday, January 1, 2017

साल नया




अतीत भया जो बीत गया, कल पुराना था साल, आज नया,
किसी को दर्द बेपनाह, ख़ुशी किसी को असीम दे गया,
अपनों से जुदा कोई तो, किसी को साथ मिल गया  नया,
खट्टी और मीठी यादों का फिर एक गुजर दौर गया,
फिर सुबह सूरज, एक किरण नयी संग जग गया,
भोर नयी थी रात ढले, फिर भी पुराना है सब यहाँ,
एक दिन के अंतराल पर कहते हैं क्यों फिर,
हो सबको मुबारक ये साल नया॥