Thursday, January 12, 2017
Sunday, January 1, 2017
साल नया
अतीत भया जो बीत गया, कल पुराना था साल, आज नया,
किसी को दर्द बेपनाह, ख़ुशी किसी को असीम दे गया,
अपनों से जुदा कोई तो, किसी को साथ मिल गया नया,
खट्टी और मीठी यादों का फिर एक गुजर दौर गया,
फिर सुबह सूरज, एक किरण नयी संग जग गया,
भोर नयी थी रात ढले, फिर भी पुराना है सब यहाँ,
एक दिन के अंतराल पर कहते हैं क्यों फिर,
हो सबको मुबारक ये साल नया॥
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